पाकिस्तान ने बालाकोट स्ट्राइक पर भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की एक टिप्पणी को समझने में गलती कर दी और उत्साहित होकर अपना झूठा दावा भी दोहरा दिया. दरअसल, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बयान को समझने में चूक करते हुए पाकिस्तान ने दावा किया कि ये साबित हो गया है कि भारत बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को निशाना बनाने में कामयाब नहीं हुआ था.
गुरुवार को अहमदाबाद में बीजेपी की एक बैठक में सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तानी क्षेत्र में 26 फरवरी को की गई स्ट्राइक आतंकी कैंप पर की गई थी और इसमें किसी भी पाकिस्तानी ‘नागरिक’ और ‘सैनिक’ को नुकसान नहीं पहुंचा. पुलवामा आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी.
EAM Swaraj on air strike: We had given free hand to our forces but also gave 2 directions-that no citizen of Pakistan should die&the Pakistan Army should not even get a scratch. We told our forces your targets are only the terrorists of Jaish e Mohd https://t.co/izHjCpjueg (18.4)
— ANI (@ANI) April 19, 2019
भारत ने आधिकारिक रूप से दावा किया था कि एयरस्ट्राइक में बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मारे गए. अनाधिकारिक तौर पर बीजेपी के मंत्रियों और नेताओं ने भी दावा किया था कि एयरस्ट्राइक में 300 से ज्यादा आतंकी मारे गए. जब एक एजेंसी के हवाले से सुषमा स्वराज का यह बयान चलाया गया कि कोई पाकिस्तानी नागरिक नहीं मारा गया तो यह हैरान करने वाला था. भारत ने स्ट्राइक के बाद कभी ये दावा नहीं किया था कि बालाकोट में मारे गए आतंकी दूसरे देशों से थे.
एजेंसी की खबर आने के बाद पाकिस्तान अनुवाद की गुगली में फंस गया और कहा कि उनका दावा सही साबित हुआ. इस्लामाबाद शुरुआत से कह रहा है कि पाकिस्तानी वायुसेना के पहुंचने के बाद भारतीय सैनिकों ने जल्दबाजी में बम गिराए और इस एयरस्ट्राइक में कोई नुकसान नहीं हुआ.
पाकिस्तानी सेना के डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया, “आखिरकार सच बाहर आ गया. उम्मीद है कि भारतीयों की 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक, पाकिस्तान वायुसेना द्वारा भारतीय वायुसेना के 2 जेट मार गिराने से इनकार और F-16 का सच भी बाहर आ जाएगा. दरअसल, उनका इशारा था कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के दावे की पुष्टि कर दी है कि भारतीय बम पहाड़ों में गिरे और मुख्य इमारत को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
Finally the truth under ground reality compulsions. Hopefully, so will be about other false Indian claims ie surgical strike 2016, denial of shooting down of 2 IAF jets by PAF and claim about F16. Better late than never.#TruthPrevails#PakistanZindabad https://t.co/Kim8CZTdlJ
— Maj Gen Asif Ghafoor (@OfficialDGISPR) April 18, 2019
पाकिस्तान की सेना के इस ट्वीट पर अभी तक सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय का कोई जवाब नहीं आया है. हालांकि, विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सुषमा ने पाकिस्तानी नागरिकों के बजाय सिविलियन कहा था लेकिन उसे गलत अनुवादित कर दिया गया. भारत ने अपने आधिकारिक बयान में भी यही कहा है कि एयरस्ट्राइक में किसी सिविलियन को नुकसान नहीं पहुंचा है.
सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में हिंदी में नागरिक शब्द का इस्तेमाल किया था. उन्होंने कहा था, “पाकिस्तान का कोई नागरिक नहीं मरना चाहिए, पाकिस्तान की सेना को खरोच नहीं आनी चाहिए, जैसे निर्देश भारतीय सेना को एयरस्ट्राइक के लिए दिए गए थे. इन निर्देशों का पालन किया गया और किसी भी पाकिस्तानी नागरिक या सैनिक को छुआ तक नहीं गया.”
हिंदी भाषा में नागरिक शब्द का इस्तेमाल नागरिक या सिविलयन दोनों के रूप में हो सकता है. यहां पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज साफ तौर पर मतलब सिविलियन से था. उन्होंने अपने भाषण में अलग से सैनिक शब्द का इस्तेमाल किया जबकि सैनिक भी नागरिक ही होता है. हालांकि, पाकिस्तान को अपने झूठे दावे को साबित करने की इतनी जल्दी रहती है कि वह गलत मायने निकाल लेने को भी तैयार रहता है.