इंदौर : छोटे भाई के साथ पड़ोसी के घर में तीसरी मंजिल पर खेल रही चार साल की मासूम ने खेल-खेल में माचिस से कचरा जलाया, जिससे उसकी फ्रॉक ने भी आग पकड़ ली। आग की तपन लगी तो मासूम चीखती-चिल्लाती नीचे आई, तभी पड़ोसन ने उसकी आवाज सुनकर तकिए से आग बुझाई। मोहल्ले वाले उसे एमवायएच ले गए, जहां उसकी मौत हो गई। बच्ची के परिजन ने डॉक्टरों पर ठीक से इलाज नहीं करने का आरोप लगाकर एमवायएच में हंगामा किया। विजय नगर पुलिस के अनुसार सुंदर नगर में रहने वाली चंचल (4) पिता दीपक नागर की इलाज के दौरान गुरुवार देर रात मौत हो गई।
रिश्तेदार अनिल ने बताया कि दोपहर में चंचल अपने छोटे भाई आर्यन (3) के साथ खेल रही थी। वे दोनों पड़ोसी छगनलाल पाल के तीसरी मंजिल स्थित घर पर पहुंच गए। वहां कचरा पड़ा था। चंचल ने घर में ही रखी माचिस उठाई और कचरा जलाया। इस दौरान उसकी फ्रॉक ने आग पकड़ ली। आर्यन और चंचल ने आग बुझाने का प्रयास किया। बच्ची की आवाज सुनकर पड़ोस में रहने वाली रीना जगदाले ने तकिये से आग बुझाई। फिर चंचल की मां ज्योति को सूचना दी। पड़ोसी जख्मी चंचल को एमवायएच ले गए, जहां उसकी मौत होग गई।
परिजन का आरोप- डॉक्टर ने पानी पिलाने का बोला था : परिजन का आरोप है कि जब से बच्ची को भर्ती किया, किसी भी डॉक्टर ने उसे ढंग से देखा नहीं। उसे एक क्रीम लगाकर लेटा दिया। रात को एक डॉक्टर ने बच्ची को कुछ खिलाने-पिलाने को कहा। जैसे ही हमने उसे पानी पिलाया, उसने दम तोड़ दिया। यदि डॉक्टर बच्ची का गंभीरता से इलाज करते तो उसकी मौत नहीं होती। मामले में डॉक्टर का कहना है बच्ची काफी जल चुकी थी। हम जो इलाज कर रहे थे, उससे बच्ची रिकवर नहीं हो पा रही थी। कोई लापरवाही नहीं की है।