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न्याय का मानवीय चेहरा होना चाहिए- चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कार्यकाल का अंतिम दिन था। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उनका विदाई कार्यक्रम रखा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- मैं कभी भी लोगों को इतिहास के आधार पर नहीं परखता। मैं लोगों को अतीत के नहीं, कर्म के आधार पर परखता हूं, उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था दुनिया में सबसे मजबूत है। इस मौके पर चीफ जस्टिस डेजिग्नेटेड रंजन गोगोई भी मौजूद थे।

चीफ जस्टिस ने कहा- मैं युवाओं के प्रतिक्रियाशील ज्ञान की प्रशंसा करता हूं, मैं इसका हिस्सा रहा हूं। आज युवा वकील हमारी पूंजी हैं। उनके अंदर न्यायशास्त्र के नए आयामों को विकसित करने की क्षमता है।

जस्टिस मिश्रा ने 2009 में पटना हाईकोर्ट और 2010 में दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का पद संभाला। सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर उनकी नियुक्ति 2011 में हुई और 28 अगस्त 2017 को उन्होंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का कार्यभार संभाला।

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