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मोदीजी ने मित्रों के लिए बनाईं आर्थिक नीतियां, बर्बाद हो गईं नवरत्न कंपनियां : दिग्विजय सिंह

भोपाल : भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह लगातार सभाएं तो कर ही रहे हैं, वहीं ट्वीटर के जरिए भी भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
शनिवार को दिग्विजय सिंह ने कहा कि पांच सालों में मोदी जी ने कुछ मित्रों के लिए आर्थिक नीतियां बनाईं। इसका दुष्परिणाम व्यापारी, युवा, किसान ही नहीं सरकारी कर्मचारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भी भोग रहे हैं। जो कभी देश की नवरत्न कंपनियां थीं, वे आज बर्बाद हो रही हैं।

नवरत्न कंपनियों के घाटे में चले जाने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर यही है विकास तो बर्बादी किसे कहते हैं? देश का आर्थिक ढांचा नष्ट किया जा रहा है।

एचएएल को सैलरी के लिए लेना पड़ रहा कर्ज
हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) न केवल सामरिक सुरक्षा की रीढ़ रही है, मुनाफ़े में भी रही है। इतना मुनाफ़ा कि ख़ुद मोदी सरकार को 11,024 करोड़ कैश दिया और 4,631 करोड़ का डिवीडेंड भी दिया। और आज एचएएल को पहली बार सैलरी के लिए 781 करोड़ का क़र्ज़ लेना पड़ा है।

कई कंपनियां घाटे में चल रहीं

कैसी आर्थिक नीतियां हैं कि बीएलएनएल के 54 हजार कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिलती। डाक विभाग (इंडिया पोस्ट) को 15 हजार करोड़ का घाटा हो गया। ओएनजीसी, जो सबसे ज़्यादा मुनाफ़े में था, अब 2001 के स्तर पर आ गया है। भेल का प्रतिदिन का मुनाफा 19 करोड़ से घट कर 2.5 करोड़ प्रतिदिन हो गया है।
दशकों से मुनाफे में चल रहे सरकारी बैंक लगातार घाटे में जा रहे हैं। वर्ष 2013-14 में बैंको का मुनाफा 37,393 करोड़ था जो 2018-19 में अनुमानित 80,000 करोड़ के घाटे में बदल गया। हावर्ड को चुनौती देने वाले भारत की शान एसबीआई को भी घाटे में ले आए।

साध्वी भगवा संत हैं, बंटाधार का अंत हैं
भोपाल से भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के समर्थन में पोस्टर वार शुरू हो गया है। उनके घर के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं। जिसमें लिखा है- साध्वी भगवा संत है, बंटाढ़ार का अंत है। इधर, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को राहत देते हुए चुनाव आयोग ने दिग्विजय सिंह को आतंकी कहे जाने वाले बयान पर क्लीन चिट दे दी है। साध्वी प्रज्ञा भारती धुंआधार प्रचार कर रही हैं।

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