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उमा भारती के गले लगकर रोईं प्रज्ञा, कहा संन्यासी कभी एक-दूसरे से नाराज नहीं होते

भोपाल: भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सोमवार सुबह उमा भारती के गले लगकर रो पड़ीं। वे प्रचार के लिए रवाना होने से पहले उमा के आवास पर उनसे मिलने पहुंची थीं। इस दौरान उमा ने प्रज्ञा के पैर छुए। टीका करके खीर खिलाई। आश्वासन दिया कि वे साध्वी के लिए प्रचार करेंगी। इससे पहले दोनों के बीच तनातनी की खबरें थीं।

उमा ने कहा- मैं उनका (प्रज्ञा) बहुत सम्मान करती हूं। मैंने उन पर हुए अत्याचार देखे हैं। इस मायने में वे पूजनीय हैं। मैं उनके लिए प्रचार करूंगी। वहीं, प्रज्ञा ने कहा- साधु-संन्यासी कभी एक-दूसरे से नाराज नहीं होते। मैं उनसे मिलने आई हूं और हम दोनों के बीच हमेशा से आत्मीय संबंध रहे हैं, बाकी बातें राजनीतिक प्रपंच के लिए बना ली जाती हैं।

उमा ने कहा था- प्रज्ञा महान संत

शनिवार को कटनी में उमा से जब पत्रकारों ने पूछा था कि मध्यप्रदेश में क्या आपकी जगह साध्वी प्रज्ञा ले चुकी हैं तो उमा ने कहा था, ‘‘प्रज्ञा महान संत हैं और मैं उनके मुकाबले मूढ़ प्राणी हूं।’’ इसके बाद साध्वी ने कहा था कि मैं उमाजी से कहना चाहती हूं कि वे मेरा इतना सम्मान न करें। आप मुझसे बड़ी और सम्मानीय हैं।’’

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