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प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों पर 74.77% मतदान, सबसे ज्यादा छिंदवाड़ा में 82%

भोपाल : प्रदेश की छह लोकसभा सीटों पर सोमवार को 108 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गईं।  कुल 74.77 प्रतिशत वोटिंग हुई। सीधी 69.45%, शहडोल 74.78%, जबलपुर 69.37%, मंडला 77.27%, बालाघाट 76.97% और छिंदवाड़ा में 82,00% मतदान हुआ। इन छह सीटों में से पांच पर इस समय भाजपा का कब्जा है। 2014 के चुनाव में जबलपुर, बालाघाट, शहडोल, सीधी और मंडला सीट भाजपा ने जीती थीं।

सीधी लोकसभा क्षेत्र के चुरहट विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्रों पर विवाद हुआ। यहां कोष्टा ग्राम में मतदान केंद्र पर भाजपा प्रत्याशी रीति पाठक के साथ अभद्रता का वीडियो सामने आया। बालाघाट लोकसभा क्षेत्र की तीन नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों में मतदान चार बजे समाप्त हो गया था।

दो चुनाव कर्मचारियों की मौत

 सीधी के मतदान केंद्र बढौरा में ड्यूटी पर तैनात एएसआई गब्बू लाल यादव की हार्ट अटैक की वजह से मौत हो गई। वे इंदौर से ड्यूटी करने सीधी आए थे। सौंसर के लोधीखेड़ा बूथ में ड्यूटी के दौरान पीठासीन अधिकारी सुनंदा कोठेकर की हार्टअटैक की वजह से मौत हो गई।

अब छह मई को होगा मतदान

देश के पांचवे और प्रदेश के दूसरे चरण में सात लोकसभा क्षेत्रों में छह मई को मतदान होगा। इनमें बैतूल, दमोह, खजुराहो, रीवा, सतना, होशंगाबाद, टीकमगढ़ है।

मतदान अपडेट्स:

  • सीधी में 57.32, शहडोल में 68.88, जबलपुर 64,05, बालाघाट 71,28, मंडला 67.09, छिंदवाड़ा 72.95 प्रतिशत वोट पड़े।
  • बालाघाट संसदीय क्षेत्र के नक्सल प्रभावित तीन विधानसभा क्षेत्रों बैहर, लांजी और परसवाड़ा मतदान चार बजे समाप्त हो गया है। यहां 60 फीसदी से ज्यादा वोटिंग होने की अनुमान है।
  • सीधी से भाजपा प्रत्याशी रीति पाठक ने मतदान के दौरान धांधली की शिकायत निर्वाचन आयोग से की।
  • मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि मॉक पोल के दौरान 57 बैलेट यूनिट, 56 कंट्रोल यूनिट और 147 वीवीपैट बदले गए।
  • जबलपुर में भाजपा प्रत्याशी राकेश सिंह ने परिवार सहित मतदान किया। इससे पहले उन्होंने नर्मदा नदी के तट पर पहुंच पूजा-अर्चना की। राकेश सिंह की दोनों बेटियों गरिमा सिंह और शुभांगी सिंह ने पहली बार मतदान किया।
  • सुबह मतदान की गति अच्छी रही। 11 बजे तक सीधी में 11.24%, शहडोल में 21.64%, जबलपुर में 19.08%, मंडला में 12.60%, बालाघाट में 12.14% और छिंदवाड़ा में 11.51% मतदान हुआ।
  • जबलपुर की बीई की छात्रा भवानी यादव के दोनों हाथ नहीं है। लेकिन वोट देने पहुंची। पैर से उन्होंने साइन किए और इसके बाद अपनी मम्मी की सहायता से वोट दिया। मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी ने जमीन परे बैठ उनके पैर में स्याही लगाई।
  • मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ ने परिवार सहित छिंदवाड़ा के शिकारपुरा मतदान केंद्र पर मतदान किया। भाजपा प्रत्याशियों में हिमाद्री सिंह ने शहडोल में, रीति पाठक ने सीधी, बालाघाट से भाजपा प्रत्याशी ढाल सिंह बिसेन भी मतदान किया।

  • बालाघाट में निर्दलीय प्रत्याशी किशोर समरीते को नक्सलियों ने रोककर उनके वाहन में आग लगा दी। रेला के पास दुर्गा माता मंदिर के नजदीक हुई घटना के बाद हॉक फोर्स भेजी गई है। नक्सलियों ने उन्हें करीब दो घंटे बाद छोड़ा।

दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाव पर: चरण में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। वहीं, छिंदवाड़ा विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मैदान में हैं।

मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच:  इन छह सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। 2014 में सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट सीट भाजपा ने जीती थीं। वहीं, अकेली छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस ने जीती थी। इन छह सीटों पर कुल 108 प्रत्याशी मैदान में हैं। सीधी में 26, शहडोल में 13, जबलपुर में 22, मंडला में 10, बालाघाट में 23 और छिंदवाड़ा में 14 उम्मीदवार हैं। छिंदवाड़ा विधानसभा उप-चुनाव में नौ उम्मीदवार मैदान में हैं।

 

कहां किसके बीच मुकाबला:

  • जबलपुर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की प्रतिष्ठा दाव पर है। उनका मुकाबला कांग्रेस के विवेक कृष्ण तन्खा से हैं। 2014 का चुनाव विवेक तन्खा राकेश सिंह से हार गए थे।

  • सीधी में भाजपा ने मौजूदा सांसद रीति पाठक को ही दोबारा टिकट दिया। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह को उतारा है।
  • शहडोल में भाजपा के मौजूदा सांसद ज्ञानसिंह टिकट कटने से खफा हैं। उन्होंने निर्दलीय उतरकर भाजपा को चुनौती दे दी। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने दल बदलकर आए नेताओं को टिकट दिया। यानि, भाजपा की उम्मीदवार हिमाद्री यहां से पिछला लोकसभा उपचुनाव बतौर कांग्रेस उम्मीदवार लड़ चुकी हैं। वहीं कांग्रेस ने जिन पूर्व विधायक प्रमिला सिंह को उम्मीदवार बनाया है उन्होंने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामा है।
  • मंडला में भाजपा ने मौजूदा सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते पर फिर से भरोसा जताया है। कांग्रेस ने कमल मरावी को उतारा है। कुलस्ते क्षेत्र के बड़े नेता हैं, परंतु आदिवासी गौंगपा (गौंडवाणा गणतंत्र पार्टी) का यहां दबदबा रहता है और कांग्रेस ने उसी पार्टी के मरावी को कांग्रेस में शामिल कर भाजपा को चुनौती दी।
  • बालाघाट सीट पर इस बार भाजपा के लिए कठिन साबित हो सकती है। भाजपा ने वर्तमान सांसद बोध सिंह भगत का टिकट काटकर ढाल सिंह बिसेन को प्रत्याशी बनाया। ऐसे में वहां पर जमकर विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। आखिर में बोध सिंह भगत ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया और पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं, कांग्रेस ने मधु सिंह भगत को टिकट दिया।
  • छिंदवाड़ा सीट पर कमलनाथ की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए उनके पुत्र नकुलनाथ चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार नत्थन शाह कवरेती से है। भाजपा नया और आदिवासी चेहरा उतारकर कांग्रेस को उसके गढ़ में घेरना चाहती है।

 

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