भोपाल: केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय संस्थानों में एडमिशन के लिए आदेश 17 जनवरी 2019 काे जारी कर दिया था। इसके लिए उमीदवारों को रिजर्वेशन फॉर इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) के तहत सटिर्फिकेट बनवाना होगा, लेकिन भोपाल सहित प्रदेशभर में स्थानीय प्रशासन द्वारा ये सर्टिफिकेट नहीं दिए जा रहे हंै। जबकि, जेईई (मेन) का रिजल्ट घोषित हो चुका है।
शुक्रवार से जेईई एडवांस के रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब मुसीबत यह है कि इस स्कीम का लाभ कमजोर वर्ग के छात्रों को नहीं मिल सकेगा। क्योंकि, जेईई एडवांस में फॉर्म के साथ केंद्र सरकार द्वारा तय फार्मेट के अनुसार ही सर्टिफिकेट मांगा गया है। जेईई एडवांस में फॉर्म भरने की अंतिम तारीख 9 मई है। बड़ी संख्या में ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके अभिभावक इस सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए राजस्व अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन, इन्हें सर्टिफिकेट देने से साफ इनकार कर दिया जाता है।
अभिभावक काट रहे राजस्व अफसरों के चक्कर
मेरी बेटी अदिति पंडया ने जेईई मेन क्वालिफाई कर लिया है। अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना है। इसके साथ ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट की कॉपी भी अटैच करनी है। हम दो महीने से सर्टिफिकेट के लिए चक्कर काट रहे हैं। अफसरों का कहना है कि उन्हें शासन से निर्देश नहीं हैं।- सीमा पण्डया, अभिभावक
जेईई मेन से एडमिशन के लिए भी देना होगा सर्टिफिकेट :
जेईई मेन कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने यह सुविधा दे रखी थी कि इस कैटेगरी में आवेदन करने वाले उम्मीदवार रजिस्ट्रेशन कराते समय सिर्फ कैटेगरी का चयन कर लें। वहीं एडमिशन लेते समय यह सर्टिफिकेट जमा कराएं। लेकिन, जिन्होंने इस कैटेगरी के तहत आवेदन किया है और उन्हें एडमिशन मिलता है तो सर्टिफिकेट नहीं होने के कारण ईडब्ल्यूएस का लाभ नहीं मिल सकेगा।
अफसरों ने बताई मजबूरी :
अधिकारियों का तर्क है प्रदेश सरकार की ओर से इस तरह का सर्टिफिकेट जारी करने के लिए अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया है। सरकार की ओर से जब तक आदेश जारी नहीं होगा, तब तक सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा सकता।