बैतूल: बैतूल लोकसभा चुनाव में सोमवार को मतदान केंद्र पर तैनात होमगार्ड जवान की मौत हो गई। शिवाजी वाॅर्ड के मतदान केंद्र क्रमांक 60 पर जबलपुर जिले के होमगार्ड सैनिक महेश दुबे को पीठासीन अधिकारी ने सुबह 3 बजे बाथरूम में बेहोशी की हालत में देखा। पीठासीन अधिकारी ने सेक्टर मजिस्ट्रेट को सूचना देकर उन्हें जिला अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
जवान की मौत के बाद चुनाव आयोग ने उनके परिजनों को 15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता मंजूर की है। इसके अलावा बैतूल क्षेत्र में ही कोटवार नंदूलाल नागले की मृत्यु हो गई थी। इन्हें भी सहायता राशि मंजूर की जा रही है।
सुबह से ही मतदान के लिए लंबी कतारें
बैतूल संसदीय क्षेत्र के लिए मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हो गया है। कुछ केंद्रों पर 5 से 10 मिनट की देरी से वोटिंग शुरू हो पाई। मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की कतार लगने लगी हैं। संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी दुर्गादास उईके ने बैतूल के अर्जुन नगर में मतदान केंद्र क्रमांक 50 पर अपने परिवार के साथ पहुंचकर वोट डाला।
सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
बैतूल शहर के मतदान केंद्र 94 पर सुबह 7.10 पर मतदान शुरू हो पाया। वोट डालने पहुंचे मतदाताओं को देरी के लिए सीलिंग का कार्य जारी होने का कारण बताया गया। बैतूल संसदीय क्षेत्र में शामिल आठ विधानसभा क्षेत्र के कुल 1734849 मतदाता 2355 मतदान केंद्रों पर आज अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। मतदान को देखते हुए सशस्त्र बल की कंपनी, 1500 विशेष पुलिस अधिकारी, 400 वन विभाग के कर्मचारी, छत्तीसगढ़ से 4 पैरामिलिट्री का आर्म्ड फ़ोर्स, मध्य प्रदेश की 2 कंपनी व 4 केंद्रीय पैरामिलिट्री फोर्स चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से करने तैनात हैं। संसदीय क्षेत्र में जबलपुर, सीहोर, छिंदवाड़ा से पुलिस के 1700 जवान सुरक्षा में लगाए गए हैं।
ईवीएम बन्द होने से परेशान हुए मतदाता
बैतूल शहर के किदवई वार्ड मतदान केंद्र 67 की ईवीएम मशीन बन्द होने से माॅकपोल के बाद 45 मिनट तक मतदान शुरू नही हो पाया। मतदान करने पहुंचे मतदाता हुए परेशान। इसके साथ ही बैतूल के चन्द्रशेखर वार्ड मतदान केंद्र क्रमांक 93 की ईवीएम मशीन सुबह 7.30 बजे खराब हो गई। करीब 10 मिनट के बाद सुधार किया गया।
सीएम और पीएचई मंत्री की साख दांव पर
देश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए बैतूल संसदीय क्षेत्र में जीत हासिल करना बड़ी चुनौती बन गया है। मुख्यमंत्री के पड़ोसी संसदीय क्षेत्र में 23 साल से भाजपा का कब्जा बना हुआ है, जिसे इस बार छीनने के लिए मुख्यमंत्री ने जिले के विधायक सुखदेव पांसे को पीएचई मंत्री बनाया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के पड़ोसी जिले और पीएचई मंत्री के गृह संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए दोनों की ही प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है।