भोपाल: समझौता एक्सप्रेस और मालेगांव ब्लास्ट को लेकर बनाई गई डाक्यूमेंट्री ‘भगवा आतंकवाद एक भ्रमजाल’ का लोकार्पण कार्यक्रम चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद बीच में ही रोक दिया गया। जब तक आयोग के निर्देश पहुंचे तब तक फिल्म का समझौता एक्सप्रेस वाले भाग का प्रदर्शन हो चुका था और मालेगांव ब्लास्ट पर भी 70 फीसदी फिल्म दिखाई जा चुकी थी। पूरी फिल्म में विभिन्न अदालतों के निर्णयों और नेताओं के बयानों के आधार पर यह कहा जा रहा था कि यूपीए कार्यकाल में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने हिंदू आतंकवाद की फर्जी थ्योरी गढ़ी।
फिल्म के अनुसार इन लोगों ने स्वामी असीमानंद और साध्वी प्रज्ञा सिंह को फंसाने के लिए फर्जी कहानी बनाई। लेकिन अपनी कहानी के अनुसार न्यायालय में सबूत पेश नहीं कर सके। शिवाजी नगर स्थित मोटल शिराज में 4:15 बजे फिल्म का प्रदर्शन शुरू हुआ। 4:55 पर मंच के सदस्य रिटायर्ड कैप्टन विकास पांडे ने घोषणा की कि हमें चुनाव आयोग से निर्देश मिले हैं कि फिल्म का लोकार्पण रोका जाए। इसके बाद राॅ के पूर्व डायरेक्टर जनरल आरएसएन सिंह, राजनीति विश्लेषक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ और फिल्म निर्माता राजीव पांडे की पत्रकार वार्ता शुरू हुई, लेकिन थोड़ी देर बाद इसे भी रोक दिया गया।
कार्रवाई अनुचित है। लेकिन हमने चुनाव आयोग के सम्मान में कार्यक्रम रोक दिया, क्योंकि हम संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करते हैं। – प्रदीप त्रिपाठी, सदस्य, भारत विचार मंच
फिल्म के प्रदर्शन को लेकर हमें शिकायत मिली थी, जिसे हमने कलेक्टर को भेज दिया था। कार्रवाई के संबंध में कलेक्टर ही बेहतर जानकारी दे सकेंगे। – वीएल कांताराव, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी