सियोल: उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को लंबी दूरी की मिसाइलों का युद्धाभ्यास किया। इस दौरान तानाशाह किम जोंग उन खुद मौजूद थे। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के मुताबिक, लंबी दूरी की मिसाइलें दागने से पहले उत्तर कोरिया ने कम दूरी की मिसाइलों का परीक्षण किया था। इस बीच अमेरिका ने प्रतिबंधों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उत्तर कोरियाई कार्गो शिप को पकड़ लिया।
उधर, अमेरिका ने भी उत्तर कोरिया की मिसाइल ड्रिल की पुष्टि की है। डोनाल्ड ट्रम्प ने मिसाइल परीक्षण को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि किम की बातचीत करने की इच्छा ही नहीं है। हालांकि, ट्रम्प ने उत्तर कोरिया के साथ संबंध जारी रखने की बात कही है।
किम ने ही मिसाइल दागने का आदेश दिया
केसीएनए के मुताबिक, किम (कमांडिंग अफसर) ने पहले मिसाइलों का परीक्षण किया और इसके बाद उन्हें दागने का आदेश दिया। इसका मकसद उत्तर कोरियाई सेना को मजबूत बनाना और अपनी वेस्टर्न फ्रंट डिफेंस यूनिट को हमले को लिए तैयार करना था।
दक्षिण कोरियाई न्यूज एजेंसी योनहाप के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने गुरुवार को पूर्वी समुद्र में दो मिसाइलें दागी थीं। इनमें से एक 420 किमी और दूसरी 270 किमी दूर गई। इससे पांच दिन पहले भी उत्तर कोरिया ने पूर्वी समुद्र में कम दूरी की कई मिसाइलें दागी थीं।
अमेरिका ने उत्तर कोरिया का जहाज पकड़ा
अमेरिका ने गुरुवार को उत्तर कोरिया का एक कार्गो जहाज पकड़ लिया। अमेरिका ने कार्रवाई के पीछे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के उल्लंघन को वजह बताया। जहाज की पहचान 17 हजार टन वजनी वाइज ऑनेस्ट के तौर पर की गई है। अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, यह जहाज उत्तर कोरिया के नाम से रजिस्टर्ड है। जहाज उत्तर कोरिया से अवैध रूप से कोयला दूसरे देशों में पहुंचाता है और वहां से अपने देश के लिए भारी मशीनरी लाता है।
अमेरिका-उत्तर कोरिया के संबंधों में आई दूरी
किम की ट्रम्प के साथ दो मुलाकातें हो चुकी हैं। पहली बार दोनों नेता पिछले साल 12 जून को सिंगापुर और दूसरी बार 28 फरवरी को वियतनाम में मिले थे। अमेरिका चाहता है कि उत्तर कोरिया पूरी तरह से अपना परमाणु कार्यक्रम बंद कर दे। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से किम को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को लेकर कोई आश्वासन नहीं मिला।
अप्रैल में किम ने पहली बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर से मुलाकात की। इसके लिए किम रूस गए थे। पुतिन ने कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव कम करने लिए मदद करने का भरोसा जताया था। उत्तर कोरिया अब तक हाइड्रोजन बम समेत 6 बार परमाणु परीक्षण कर चुका है।