कश्मीर में आतंकियों के खात्मे के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह से एक्शन मोड में है. जिसका असर अब दिखना शुरू हो गया है. सोमवार को नॉर्थ आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने मीडिया से बताया कि पिछले साल घाटी में 270 युवाओं ने आतंकी संगठनों को ज्वाइन किया था, लेकिन इस साल अभी तक ये आंकड़ा 40 तक ही पहुंचा है. ऐसे में अगर अनुपात के हिसाब से देखें तो इस बार काफी गिरावट आई है.
सर्जिकल स्ट्राइक के मसले पर उन्होंने कहा कि एक RTI के जवाब में बताया गया था कि सितंबर, 2016 में पहली सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी. लेकिन वह अपनी ओर से इसपर कुछ नहीं कहेंगे, इस पर फैसला सरकार को करना है कि कब किस ऑपरेशन के बारे में बताया जाएगा. राजनीतिक दल अपने हिसाब से बयान देते रहते हैं.
बालाकोट में की गई एयरस्ट्राइक के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमारी वायुसेना के द्वारा किए गए हमले से आतंकियों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बड़ी चोट पहुंची है, जो एक कामयाबी है. उन्होंने बताया कि इससे बौखलाकर ही पाकिस्तान ने जवाब दिया था लेकिन भारत ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया.
सुरक्षाबलों के अनुसार अभी तक इस साल कुल 86 आतंकियों को मारा गया है. जबकि कई आतंकियों को वापस मेनस्ट्रीम में लाया जा चुका है.
GOC-in-Chief Northern Command, Lt Gen Ranbir Singh: During this year we have been able to neutralize 86 terrorists so far & our operations continue in the same manner. Nearly 20 of them have been apprehended, we’ve also been able to bring back many of them to the mainstream. pic.twitter.com/hFAEB1J52E
— ANI (@ANI) May 20, 2019
रणबीर सिंह ने बताया कि पाकिस्तान की सीमा की तरफ से लगातार घुसपैठ कम हो रही है इसी वजह से आतंकियों को कोशिश है कि कश्मीरी युवा आतंकी संगठनों से जुड़ें.
आपको बता दें कि कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने के लिए सेना की तरफ से ऑपरेशन ऑलआउट चलाया गया था, जिसके तहत अभी तक 250 से आतंकियों को मारा जा चुका है. सुरक्षाबल लगातार आतंकियों के खिलाफ एक्शन ले रही है और यही कारण है कि आतंकी बौखला रहे हैं.
बीते कुछ दिनों में आतंकियों ने घाटी में सुरक्षाबलों के काफिलों को निशाना बनाया है. इसके अलावा कुछ ही दिनों पहले एक अलर्ट भी आया था, जिसमें बताया गया था कि आतंकी श्रीनगर और अंवतीपोरा एयरबेस को निशाना बना सकते हैं.
14 मई को ही पुलवामा में घाटी के चार बड़े आतंकियों ने एक बैठक की थी, जिसमें आतंकी हमले प्लानिंग की गई थी. इस बैठक में हिज्बुल आतंकी रियाज़ नायकू, जैश-ए-मोहम्मद ज़ाहिद मंजूर, लश्कर आतंकी रियाज़ डार के अलावा विदेशी आतंकी भी शामिल था.