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शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कंप्यूटर बाबा को दिगंबर अखाड़ा से निष्कासित

इंदौर: शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले संत नामदेव शास्त्री उर्फ कंप्यूटर बाबा को दिगंबर अखाड़ा से निष्कासित कर दिया गया है। अखाड़ा के पदाधिकारी नरेन्द्र गिरी ने इस संबंध में घोषणा करते हुए बताया कि निष्कासन के बाद कंप्यूटर बाबा अब प्रयागराज (इलाहाबाद) कुंभ में अखाड़े की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकेंगे।

कंप्यूटर बाबा को शिवराज सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह उपेक्षा का आरोप लगाते हुए शिवराज सरकार के ख़िलाफ मोर्चा खोले हुए थे। कंप्यूटर बाबा ने मन की बात के द्वारा सरकार के खिलाफ इंदौर से संतों का अभियान शुरू किया था। 23 अक्टूबर को इंदौर में संत समागम करने के बाद बुधवार (31 अक्टूबर) को ग्वालियर में उन्होंने संत समागम किया था। 4 नवंबर को खंडवा, 11 नवंबर को रीवा, 23 नवंबर को जबलपुर में संतों के समागम करने की योजना कंप्यूटर बाबा ने की है।

अक्टूबर माह की शुरुआत में ही राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्‍त संत नामदेव शास्त्री उर्फ कंप्यूटर बाबा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पद से इस्‍तीफा दे दिया था। कंप्यूटर बाबा ने राज्‍य सरकार पर धर्म और संत समाज की उपेक्षा करने के आरोप लगाए थे। सरकार द्वारा गो मंत्रालय बनाए जाने की घोषणा पर सवाल उठाने के साथ ही उन्होंने सरकार से अलग नर्मदा मंत्रालय बनाने की मांग की थी।

कंप्यूटर बाबा कई बार चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। बाबा ने हाल ही में बीजेपी के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा भी जाहिर की थी लेकिन पार्टी की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

 

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